Hindisadquotes

मुहब्बत कोई गुनाह नहीं, बशर्तें हज़ार से नहीं,एक से होती है।
हम वाकिफ हैं अपनी फितरत से हमें किसी का गुरूर और अपनी NAJARANDAZI बर्दास्त नहीं होती।।

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